सत्ता परिवर्तन नहीं हृदय परिवर्तन से सार्थक होगी आज़ादी : डॉ सुब्बाराव

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प्रसिद्ध गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी पद्मश्री डॉ एस एन सुब्बाराव ने कहा है कि गाँधी जी के लिए आज़ादी का अर्थ था- स्वराज प्राप्ति. वे मानते थे कि केवल सत्ता परिवर्तन से नहीं, अपितु भारतवासियों के हृदय परिवर्तन से आज़ादी सार्थक होगी.
श्री सुब्बाराव आज गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा आयोजित ई राष्ट्रीय सम्मेलन “ स्वतन्त्रता आन्दोलन पर गांधीजी का प्रभाव” में बतौर मुख्य वक्ता अपने विचार प्रकट कर रहे थे. यह सम्मेलन आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था. श्री सुब्बाराव ने कहा कि गांधीजी की जीवन यात्रा एक डरपोक व्यक्ति से साहसी व्यक्ति बनने की है. सभी युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. अतीत की स्मृतियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत छोडो आन्दोलन के समय वे स्कूल में पढ़ते थे. उन्हें भारत माता की जय बोलने और खादी पहनने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया था.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल डॉ बी पी सिंह ने कहा कि गाँधी कहते थे कि सभी धर्म हमें सिखलाते है कि हम सभी आपसी सद्भाव से एकजुट होकर रहें. गाँधी जी ने सदैव शांति, सद्भाव, अहिंसा और परस्पर स्नेह की समाज में बहाली के लिए काम किया.
राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय के पूर्व निदेशक डॉ वाई पी आनंद ने कहा कि महात्मा गांधी मात्र एक व्यक्ति नहीं अपितु विचार हैं. उनके विचार हमारे जीवन के उत्थान के लिए बहुत आवश्यक हैं. आज़ादी के आन्दोलन की सफलता की कल्पना गांधी के बिना नहीं की जा सकती.
एशिया पेसिफिक रिसर्च एसोसिएशन की डॉ. विद्या जैन ने गांधीजी को महिला उत्थान का सबसे बड़ा पैरोकार बताया. उन्होंने कहा कि गाँधी जी समाज में महिलाओं की स्थिति के उत्थान के लिए प्रयासरत रहे. उन्होंने महिलाओं की अबला वाली छवि को तोड़कर, उन्हें सशक्त वर्ग के रूप में प्रतिस्थापित किया. उन्होंने कौमी एकता, सत्याग्रह, रचनात्मक कार्यों आदि अपने सभी कार्यक्रमों में महिलाओं को महत्वपूर्ण स्थान पर रखा.
समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने कहा कि गाँधी सांस्कृतिक एकता के प्रतीक थे. वे संविधान सभा के सदस्य नही थे, लेकिन हमारा संविधान उनके विचारों से प्रभावित है. उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमन्त्री जी की प्रेरणा से गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति आज़ादी की 75 वीं वर्षगाँठ पर आज़ादी के गुमनाम सेनानियों को याद कर रही है और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है.
समिति के कार्यक्रम अधिकारी डॉ वेदाभ्यास कुंडू ने कार्यक्रम में शामिल अतिथियों को आभार प्रकट किया. सम्मेलन का संचालन राजदीप पाठक ने किया.