गांधीजी को किताब से निकालकर व्यवहार में लायें’: विजय गोयल

Miscellaneous

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा गाँधी स्मृति में गाँधी विचार सभा आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता समिति के उपाध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विजय गोयल ने की. कार्यक्रम में लगभग 70 गाँधी कार्यकर्ता, गांधीवादी लेखक, चिन्तक व विचारक उपस्थित थे.
इस अवसर पर गांधीजी के विचारों, उनके कार्यों और संदेशों का प्रसार आमजन तक करने पर विचार मंथन किया गया. सभा में उपस्थित अनेक लोगों ने सुझाव दिया कि गांधीजी आज इस देश की आवश्यकता हैं. हमें युवाओं और बच्चों को अधिक से अधिक गाँधी विचारों से जोड़ना चाहिए. कुछ गांधीवादियों ने सोशल मीडिया पर गांधी जी के बारे में चल रहे दुष्प्रचार पर चिंता जताते हुए, इसे रोकने का सुझाव दिया. गाँधी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री विजय गोयल ने कहा कि गांधी को किताबों से निकालकर व्यवहार में लाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि गाँधी जी को सरल और सहज बनाना चाहिए. यहाँ उपस्थित हम सब लोगों की जिम्मेदारी है की स्कूल कालेज के बच्चों को गांधीजी के बारे में आसान तरीके से समझाएं, श्री गोयल ने कहा कि आज माननीय प्रधानमन्त्री जी ने गांधीजी के अनेक विचारों को अपने कार्यों के माध्यम से मूर्त रूप दिया है. स्वच्छता, गाँधी जी का ही सपना था, जिसे प्रधानमन्त्री जी ने एक जनांदोलन का रूप दे दिया. आज देश भर में करोड़ों शौचालय बनाए गये हैं. ग्रामीण इलाकों के लोगों का आज खुले में शौच से मुक्ति मिली है.
श्री गोयल ने कहा कि गांधीजी को जन जन तक पहुँचाने के लिए सभी गांधीवादी संस्थायों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए. इस कार्य में गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति यथासम्भव सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन की चार चीजें अधिक महत्वपूर्ण हैं. ये है- सत्य. अहिंसा, सेवा और सत्याग्रह. हमें उनके जीवन के इन चार बिन्दुओं से आम लोगों को अवगत करवाना चाहिए.
इस कार्यक्रम में समिति के निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान, वरिष्ठ गांधीवादी श्री लक्ष्मीदास, श्री उत्तम सिन्हा, श्री अनिल दत्त मिश्रा, श्रीमती वर्षा दास, हेना चक्रवर्ती, श्रीमती शाश्वती झालानी, श्रीमती गीता शुक्ला, श्रीमती कामना झा, डॉ हरिपाल सिंह, श्री मनोज कुमार झा, श्री हर्ष कामराह, श्रीमती नीलिमा कामराह,श्री संदीप जोशी, श्रीमती संतोष बंसल, श्री अतुल प्रभाकर, श्री धीप्रज्ञ, श्री एके मर्चेंट, श्रीमती शोभना राधाकृष्ण, श्री उमेश चतुर्वेदी, डॉ सीता बिम्ब्रा, श्री सुभाष जी, डॉ बी मिश्र सहित अनेक गणमान्य लोग व गांधीवादी कार्यकर्ता उपस्थित थे.